Jeevan Kya Hai, Pt. 1
जीवन क्या है चलता फिरता एक खिलोना है
जीवन क्या है चलता फिरता एक खिलोना है
दो आँखों में एक से हँसना एक से रोना है
जीवन क्या है चलता फिरता एक खिलोना है
चलते चलते राह में युहीं रस्ता मूड जाता हे
अनजाने में अनजाने से रिश्ता जुड़ जाता हे
किसे पता हे किस रस्ते में कब क्या होना हे
जीवन क्या है चलता फिरता एक खिलोना है
दो आँखों में एक से हँसना एक से रोना है
बीत गया जो वो ही हर पल आगे क्यों चलता हे
राख हुए अंगारे कब के फिर भी दिल जलता हे
भूली विसरि यादों को अश्को से धोना हे
जीवन क्या है चलता फिरता एक खिलोना है
दो आँखों में एक से हँसना एक से रोना है
जीवन क्या है चलता फिरता एक खिलोना है