Kabhi Yun Bhi To Ho

JAGJIT SINGH, JAVED AKHTAR

कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो

दरिया का साहिल हो
पूरे चाँद की रात हो
और तुम आओ

कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो

परियों की महफ़िल हो
कोई तुम्हारी बात हो
और तुम आओ
कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो
ये नर्म मुलायम ठंडी हवाएँ
जब घर से तुम्हारे गुज़रें
तुम्हारी खुशबू चुराएँ
मेरे घर ले आयें
कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो

सूनी हर महफ़िल हो
कोई न मेरे साथ हो
और तुम आओ
कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो

ये बादल ऐसा टूट के बरसे
मेरे दिल की तरह मिलने को
तुम्हारा दिल भी तरसे
तुम निकलो घर से
कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो

तन्हाई हो दिल हो
बूँदें हों बरसात हो
और तुम आओ
कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो

दरिया का साहिल हो
पूरे चाँद की रात हो
और तुम आओ
कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो

Trivia about the song Kabhi Yun Bhi To Ho by Jagjit Singh

When was the song “Kabhi Yun Bhi To Ho” released by Jagjit Singh?
The song Kabhi Yun Bhi To Ho was released in 2010, on the album “Silsilay - Jagjit Singh / Javed Akhtar”.
Who composed the song “Kabhi Yun Bhi To Ho” by Jagjit Singh?
The song “Kabhi Yun Bhi To Ho” by Jagjit Singh was composed by JAGJIT SINGH, JAVED AKHTAR.

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