Kaheen Aisa Na Ho Daman Jalalo

JAGJIT SINGH, LIYAQAT ALI AZIM

कहीं ऐसा न हो दामन जला लो
कहीं ऐसा न हो दामन जला लो
हमारे आँसुओं पर ख़ाक डालो

मनाना ही ज़रूरी है तो फिर तुम
मनाना ही ज़रूरी है तो फिर तुम
हमें सब से ख़फ़ा होकर मना लो
हमें सब से ख़फ़ा होकर मना लो
हमें सब से ख़फ़ा होकर मना लो

बहुत रोई हुई लगती हैं आँखें
बहुत रोई हुई लगती हैं आँखें
मेरी ख़ातिर ज़रा काजल लगा लो
मेरी ख़ातिर ज़रा काजल लगा लो
मेरी ख़ातिर ज़रा काजल लगा लो

अकेलेपन से ख़ौफ़ आता है मुझको
अकेलेपन से ख़ौफ़ आता है मुझको
कहाँ हो ऐ मेरे ख़्वाबों ख़यालों
कहाँ हो ऐ मेरे ख़्वाबों ख़यालों
कहाँ हो ऐ मेरे ख़्वाबों ख़यालों

बहुत मायूस बैठा हूँ मैं तुमसे
बहुत मायूस बैठा हूँ मैं तुमसे
कभी आकर मुझे हैरत में डालो
कभी आकर मुझे हैरत में डालो
कभी आकर मुझे हैरत में डालो
कहीं ऐसा न हो दामन जला लो
कहीं ऐसा न हो दामन जला लो
हमारे आँसुओं पर ख़ाक डालो
कहीं ऐसा न हो दामन जला लो

Trivia about the song Kaheen Aisa Na Ho Daman Jalalo by Jagjit Singh

When was the song “Kaheen Aisa Na Ho Daman Jalalo” released by Jagjit Singh?
The song Kaheen Aisa Na Ho Daman Jalalo was released in 1997, on the album “In Search”.
Who composed the song “Kaheen Aisa Na Ho Daman Jalalo” by Jagjit Singh?
The song “Kaheen Aisa Na Ho Daman Jalalo” by Jagjit Singh was composed by JAGJIT SINGH, LIYAQAT ALI AZIM.

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