Kal Chaudhvin Ki Raat Thi

Ibn-E-Insha, Jagjit Singh

कल चौड़विन की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कल चौड़विन की रात थी
कुच्छ ने कहा यह चाँद है
कुच्छ ने कहा यह चाँद है
कुच्छ ने कहाँ चेहरा तेरा
कल चौड़विन की रात थी

हम भी वहीं मौजूद थे
हम भी वहीं मौजूद थे
हमसे भी सब पुचछा किए
हम भी वहीं मौजूद थे
हमसे भी सब पुचछा किए
हम हास दिए, हम चुप रहे
हम हास दिए, हम चुप रहे
मंजूर था परदा तेरा
कल चौड़विन की रात थी
कल चौड़विन की रात थी

इस शहर में किस्से मिले
इस शहर में किस्से मिले
हमसे तो छूटी महफिले
इस शहर में किस्से मिले
हमसे तो छूटी महफिले
हर शक्श तेरा नाम ले
हर शक्श तेरा नाम ले
हर शक्श तेरा दीवाना
कल चौड़विन की रात थी
कल चौड़विन की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कल चौड़विन की रात थी

कुचे को तेरे छ्चोड़कर
कुचे को तेरे छ्चोड़कर
जोगी ही बन जाए मगर
कुचे को तेरे छ्चोड़कर
कुचे को तेरे छ्चोड़कर
जोगी ही बन जाए मगर
जंगल तेरे परबत तेरे
जंगल तेरे परबत तेरे बस्ती तेरी सहारा तेरा
कल चौड़विन की रात थी
कल चौड़विन की रात थी

बेदर्द इसुनि हो तो चल
बेदर्द इसुनि हो तो चल
कहता हे क्या अच्छी फसल
बेदर्द इसुनि हो तो चल
कहता हे क्या अच्छी फसल
आशिक तेरा रुसवा तेरा
आशिक तेरा रुसवा तेरा
शायर तेरा इन्शाह तेरा
कल चौड़विन की रात थी
कल चौड़विन की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा,
कल चौड़विन की रात थी
कुच्छ ने कहा यह चाँद है
कुच्छ ने कहाँ चेहरा तेरा
कल चौड़विन की रात थी
कल चौड़विन की रात थी

Trivia about the song Kal Chaudhvin Ki Raat Thi by Jagjit Singh

Who composed the song “Kal Chaudhvin Ki Raat Thi” by Jagjit Singh?
The song “Kal Chaudhvin Ki Raat Thi” by Jagjit Singh was composed by Ibn-E-Insha, Jagjit Singh.

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