Main Bhool Jaoon

JAGJIT SINGH, JAVED AKHTAR

मैं भूल जाऊँ तुम्हें

मैं भूल जाऊँ तुम्हें
अब यही मुनासिब है

मैं भूल जाऊँ तुम्हें
अब यही मुनासिब है

मगर भुलाना भी चाहूँ तो
किस तरह भूलूँ

मगर भुलाना भी चाहूँ तो
किस तरह भूलूँ
कि तुम तो फ़िर भी
हकीकत हो कोई ख्वाब नही

यहाँ तो दिल का ये आलम है
क्या कहूँ कमबख़्त

भुला सका ना ये वो सिलसिला
जो था भी नहीं

भुला सका ना ये वो सिलसिला
जो था भी नहीं
वो इक ख्याल जो आवाज़ तक
गया ही नहीं
वो एक बात जो मैं
कह नहीं सका तुमसे
वो एक रब्त जो हममें कभी
रहा ही नहीं
मुझे है याद वो सब जो कभी
हुआ ही नहीं

अगर ये हाल है दिल का तो
कोई समझाए

अगर ये हाल है दिल का
तो कोई समझाए
तुम्हें भुलाना भी चाहूँ
किस तरह भूलूँ
कि तुम तो फ़िर भी
हकीकत हो कोई ख्वाब नही

कि तुम तो फ़िर भी
हकीकत हो कोई ख्वाब नही

कि तुम तो फ़िर भी
हकीकत हो कोई ख्वाब नही

Trivia about the song Main Bhool Jaoon by Jagjit Singh

When was the song “Main Bhool Jaoon” released by Jagjit Singh?
The song Main Bhool Jaoon was released in 2010, on the album “Silsilay - Jagjit Singh / Javed Akhtar”.
Who composed the song “Main Bhool Jaoon” by Jagjit Singh?
The song “Main Bhool Jaoon” by Jagjit Singh was composed by JAGJIT SINGH, JAVED AKHTAR.

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