Manzil Na De Charagh Na De

JAGJIT SINGH, RANA SAHARI

मंजिल ना दे, चराग ना दे, हौसला तो दे
मंजिल ना दे, चराग ना दे, हौसला तो दे

तिनके का ही सही तू मगर आसरा तो दे (तिनके का ही सही तू मगर आसरा तो दे)
मंजिल ना दे, चराग ना दे, हौसला तो दे (मंजिल ना दे, चराग ना दे, हौसला तो दे)

मैंने ये कब कहा के, मेरे हक में हो जवाब
मैंने ये कब कहा के, मेरे हक में हो जवाब
लेकिन खामोश क्यों हैं तू उ उ उ उ उ उ
लेकिन खामोश क्यो हैं तू, कोई फैसला तो दे
मंजिल ना दे, चराग ना दे, हौसला तो दे

बरसों मैं तेरे नाम पे, खाता रहा फ़रेब
बरसों मैं तेरे नाम पे, खाता रहा फ़रेब
मेरे खुदा कहाँ हैं तू उ उ उ उ उ उ
मेरे खुदा कहाँ हैं तू, अपना पता तो दे
मंजिल ना दे, चराग ना दे, हौसला तो दे

बेशक मेरे नसीब पे, रख अपना इख्तियार
बेशक मेरे नसीब पे, रख अपना इख्तियार

लेकिन मेरे नसीब में, ए ए ए ए ए ए
लेकिन मेरे नसीब में, क्या हैं बता तो दे
मंजिल ना दे, चराग ना दे, हौसला तो दे

तिनके का ही सही तू मगर आसरा तो दे (तिनके का ही सही तू मगर आसरा तो दे)
मंजिल ना दे, चराग ना दे, हौसला तो दे (मंजिल ना दे, चराग ना दे, हौसला तो दे)

Trivia about the song Manzil Na De Charagh Na De by Jagjit Singh

Who composed the song “Manzil Na De Charagh Na De” by Jagjit Singh?
The song “Manzil Na De Charagh Na De” by Jagjit Singh was composed by JAGJIT SINGH, RANA SAHARI.

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