May Rahe Meena Rahe

Riaz Khairabadi (Traditinal), Jagjit Singh

मैं रहे मीना रहे
गर्दिश में पैमाना रहे
मैं रहे मीना रहे
गर्दिश में पैमाना रहे
मेरे साकी तू रहे
आबाद मैखाना रहे
मैं रहे मीना रहे
गर्दिश में पैमाना रहे

हर्ष भी तो हो चूका
रुख से नहीं हटती नकाब
हर्ष भी तो हो चूका
रुख से नहीं हटती नकाब
हद भी आखिरी कुछ है
कब तक कोई दीवाना रहे
मैं रहे मीना रहे
गर्दिश में पैमाना रहे
मेरे साकी तू रहे
आबाद मैखाना रहे
मैं रहे मीना रहे
गर्दिश में पैमाना रहे

रात को जो बैठे हैं
रोज़ हम मजनू के पास
रात को जो बैठे हैं
रोज़ हम मजनू के पास
पहले अन-बन रह चुकी है
अब तो याराना रहे
मैं रहे मीना रहे
गर्दिश में पैमाना रहे
मेरे साकी तू रहे
आबाद मैखाना रहे
मैं रहे मीना रहे
गर्दिश में पैमाना रहे

जिंदगी का लुत्फ हो
उदति रहे हरदम रियाज
जिंदगी का लुत्फ हो
उदति रहे हरदम रियाज
हम हो शीशे के परी हो
घर परीखाना रहे
मैं रहे मीना रहे
गर्दिश में पैमाना रहे
मेरे साकी तू रहे
आबाद मैखाना रहे
मैं रहे मीना रहे
गर्दिश में पैमाना रहे

Trivia about the song May Rahe Meena Rahe by Jagjit Singh

When was the song “May Rahe Meena Rahe” released by Jagjit Singh?
The song May Rahe Meena Rahe was released in 2010, on the album “Mirage - Jagjit Singh”.
Who composed the song “May Rahe Meena Rahe” by Jagjit Singh?
The song “May Rahe Meena Rahe” by Jagjit Singh was composed by Riaz Khairabadi (Traditinal), Jagjit Singh.

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