Samajte The

JAGJIT SINGH, WALLI AASI

समझते थे मगर फिर भी ना रखी दूरियाँ हमने
समझते थे मगर फिर भी ना रखी दूरियाँ हमने
चराग़ों को जलाने में जला ली उंगलियाँ हमने
समझते थे मगर फिर भी ना रखी दूरियाँ हमने

कोई तितली हमारे पास आती भी तो क्या आती
कोई तितली हमारे पास आती भी तो क्या आती
सजाये उम्र भर कागज़ के फूल और पत्तियाँ हमने
चराग़ों को जलाने में जला ली उंगलियाँ हमने
समझते थे मगर फिर भी ना रखी दूरियाँ हमने

यूँ ही घुट घुट के मर जाना हमें मंज़ूर था लेकिन
यूँ ही घुट घुट के मर जाना हमें मंज़ूर था लेकिन
किसी कमज़र्फ़ पर ज़ाहिर ना की मजबूरियाँ हमने
चराग़ों को जलाने में जला ली उंगलियाँ हमने
समझते थे मगर फिर भी ना रखी दूरियाँ हमने

हम उस महफ़िल में बस इक बार सच बोले थे ऐ वाली
हम उस महफ़िल में बस इक बार सच बोले थे ऐ वाली
ज़बाँ पर उम्र भर महसूस की चिंगारियाँ हमने
चराग़ों को जलाने में जला ली उंगलियाँ हमने
समझते थे मगर फिर भी ना रखी दूरियाँ हमने

Trivia about the song Samajte The by Jagjit Singh

When was the song “Samajte The” released by Jagjit Singh?
The song Samajte The was released in 2006, on the album “Love Is Blind”.
Who composed the song “Samajte The” by Jagjit Singh?
The song “Samajte The” by Jagjit Singh was composed by JAGJIT SINGH, WALLI AASI.

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