Sarkati Jaye Hai Rukh Se Naqab
सरकती जाए हैं रुख से
नक़ाब आहिस्ता-अहिस्ता
निकलाता आ रहा है आफताबी
आहिस्ता-आहिस्ता
सरकती जाए हैं रुख से
नक़ाब आहिस्ता-अहिस्ता
जवान होने लगे जब
वो तो हमसे कर लिया परदा
जवान होने लगे जब
वो तो हमसे कर लिया परदा
हया यकलाख़्त आई
और शबाब आहिस्ता-अहिस्ता
सब-ए-फुरकत का जागा हूं
फरिश्तान अब तो सोन दो
सब-ए-फुरकत का जागा हूं
फरिश्तान अब तो सोन दो
कभी फुर्सत मी करलेना
हिसाब आहिस्ता-अहिस्ता
बड़ी बेदर्दी से सर काते अमीर
और मैं कहूं उनसे
बड़ी बेदर्दी से सर काते अमीर
और मैं कहूं उनसे
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता
जनाब आहिस्ता-आहिस्ता
सरकती जाए हैं रुख से
नकाब आहिस्ता-आहिस्ता