Tere Nisar Saakia

Rustam Sehgal Wafa

तेरे निसार साक़िया जितनी पियूँ पिलाये जा
तेरे निसार साक़िया जितनी पियूँ पिलाये जा
मस्त नज़र का वास्ता, मस्त मुझे बनाए जा
तेरे निसार साक़िया जितनी पियूँ पिलाये जा
तेरे निसार साक़िया

तुझको किसी से ग़र्ज़ क्या, बिजली कहीं गिराए जा
तुझको किसी से ग़र्ज़ क्या, बिजली कहीं गिराए जा
दिल जले या जिगर जले, तू यूँ ही मुस्कुराये जा
तेरे निसार साक़िया जितनी पियूँ पिलाये जा
तेरे निसार साक़िया

सामने मेरे आ के देख, रुख़ से नक़ाब हटा के देख
सामने मेरे आ के देख, रुख़ से नक़ाब हटा के देख
ख़िरमन-ए-दिल है मुन्तज़िर, बर्क़-ए-नज़र गिराए जा
ख़िरमन-ए-दिल है मुन्तज़िर, बर्क़-ए-नज़र गिराए जा
तेरे निसार साक़िया

वफ़ा-ए-बदनसीब को बख़्शा है तूने दर्द जो
वफ़ा-ए-बदनसीब को बख़्शा है तूने दर्द जो
है कोई इसकी भी दवा, इतना ज़रा बताये जा
तेरे निसार साक़िया जितनी पियूँ पिलाये जा
मस्त नज़र का वास्ता, मस्त मुझे बनाए जा
तेरे निसार साक़िया

Trivia about the song Tere Nisar Saakia by Jagjit Singh

Who composed the song “Tere Nisar Saakia” by Jagjit Singh?
The song “Tere Nisar Saakia” by Jagjit Singh was composed by Rustam Sehgal Wafa.

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