Teri Aankhon Se Hi

NIDA FAZLI, LALIT SEN

तेरी आँखों से ही जागे सोए हम
तेरी आँखों से ही जागे सोए हम

तेरी आँखों से ही जागे सोए हम
कब तक आख़िर, कब तक आख़िर
कब तक आख़िर तेरे गम को रोए हम
तेरी आँखों से ही जागे सोए हम

वक़्त का मरहम जखमों को भर देता है
वक़्त का मरहम जखमों को भर देता है
शीशे को भी यह पत्थर कर देता है
रात में तुझको पाए दिन में खोए हम
तेरी आँखों से ही जागे सोए हम

हर आहट पर लगता है तू आया हैं
हर आहट पर लगता है तू आया हैं
धूप है मेरे पीछे आगे साया है
धूप है मेरे पीछे आगे साया है
खुद अपनी ही खुद अपनी ही
लाश को कब तक धोए हम
तेरी आँखों से ही जागे सोए हम
तेरी आँखों से ही जागे सोए हम
कब तक आख़िर, कब तक आख़िर
कब तक आख़िर तेरे गम को रोए हम
तेरी आँखों से ही जागे सोए हम

हे हे आ आ आ आ आ आ आ आ
धे धे आ आ ना आ आ आ आ आ आ धे आ आ

Trivia about the song Teri Aankhon Se Hi by Jagjit Singh

Who composed the song “Teri Aankhon Se Hi” by Jagjit Singh?
The song “Teri Aankhon Se Hi” by Jagjit Singh was composed by NIDA FAZLI, LALIT SEN.

Most popular songs of Jagjit Singh

Other artists of World music