Tumne Sooli Pe Latakte Jise Dekha Hoga

JAGJIT SINGH, SAHIR HOSHIARPURI

तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा
तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा
वक्‍त आयेगा यही शख्स मसीहा होगा
वक्‍त आयेगा यही शख्स मसीहा होगा
तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा

ख्वाब देखा था कि सेहरा में बसेरा होगा
ख्वाब देखा था कि सेहरा में बसेरा होगा
क्या ख़बर थी कि वही ख़्वाब तो सच्चा होगा
वक्‍त आयेगा यही शख्स मसीहा होगा
तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा

मैं फिज़ाओं में बिखर जाऊँगा खुशबू बनकर
मैं फिज़ाओं में बिखर जाऊँगा खुशबू बनकर
रंग होगा ना बदन होगा ना चेहरा होगा
वक्‍त आयेगा वही शख्स मसीहा होगा
तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा

Trivia about the song Tumne Sooli Pe Latakte Jise Dekha Hoga by Jagjit Singh

On which albums was the song “Tumne Sooli Pe Latakte Jise Dekha Hoga” released by Jagjit Singh?
Jagjit Singh released the song on the albums “Jagjit Singh Digital Collection 1” in 2004 and “Shukrana- 70 Soulful Songs "ghazals"- Vol 3” in 2011.
Who composed the song “Tumne Sooli Pe Latakte Jise Dekha Hoga” by Jagjit Singh?
The song “Tumne Sooli Pe Latakte Jise Dekha Hoga” by Jagjit Singh was composed by JAGJIT SINGH, SAHIR HOSHIARPURI.

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