Woh Firaaq Aur Woh Visal Kahan

JAGJIT SINGH, MIRZA GHALIB

वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ
वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ
वह शब-ओ-रोज़-ओ-माह-ओ-साल कहाँ

थी वो इक शख़्स के तसव्वुर से
थी वो इक शख़्स के तसव्वुर से
अब वह रानाई-ए-ख़याल कहाँ
वह शब-ओ-रोज़-ओ-माह-ओ-साल कहाँ

ऐसा आसाँ नहीं, लहू रोना
ऐसा आसाँ नहीं, लहू रोना
दिल में ताक़त, जिगर में हाल कहाँ
दिल में ताक़त, जिगर में हाल कहाँ
वह शब-ओ-रोज़-ओ-माह-ओ-साल कहाँ

फ़िक़्र-ए-दुनिया में सर खपाता हूँ
मैं कहाँ और ये वबाल कहाँ
वह शब-ओ-रोज़-ओ-माह-ओ-साल कहाँ
वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ
वह शब-ओ-रोज़-ओ-माह-ओ-साल कहाँ

Trivia about the song Woh Firaaq Aur Woh Visal Kahan by Jagjit Singh

When was the song “Woh Firaaq Aur Woh Visal Kahan” released by Jagjit Singh?
The song Woh Firaaq Aur Woh Visal Kahan was released in 2004, on the album “Woh Firaaq Aur Who Visal”.
Who composed the song “Woh Firaaq Aur Woh Visal Kahan” by Jagjit Singh?
The song “Woh Firaaq Aur Woh Visal Kahan” by Jagjit Singh was composed by JAGJIT SINGH, MIRZA GHALIB.

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