Zindagi Yun Hui Basar Tanha

GULZAR, JAGJIT SINGH

ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तन्हा
ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तन्हा
काफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तन्हा

अपने साये से चौंक जाते हैं
अपने साये से चौंक जाते हैं
उम्र गुज़री है इस कदर तन्हा
उम्र गुज़री है इस कदर तन्हा

रात भर बोलते हैं सन्नाटे
रात भर बोलते हैं सन्नाटे
रात काटे कोई किधर तन्हा
रात काटे कोई किधर तन्हा

दिन गुज़रता नहीं है लोगों में
दिन गुज़रता नहीं है लोगों में
रात होती नहीं बसर तन्हा
रात होती नहीं बसर तन्हा

हमने दरवाज़े तक तो देखा था
हमने दरवाज़े तक तो देखा था
फिर न जाने गए किधर तन्हा
फिर न जाने गए किधर तन्हा
काफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तन्हा

Trivia about the song Zindagi Yun Hui Basar Tanha by Jagjit Singh

When was the song “Zindagi Yun Hui Basar Tanha” released by Jagjit Singh?
The song Zindagi Yun Hui Basar Tanha was released in 2008, on the album “Jazbaat”.
Who composed the song “Zindagi Yun Hui Basar Tanha” by Jagjit Singh?
The song “Zindagi Yun Hui Basar Tanha” by Jagjit Singh was composed by GULZAR, JAGJIT SINGH.

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