Zindegi Se Badi Saza Hi Nahin [Golden Moment Jagjit Singh]

JAGJIT SINGH, KRISHNA BIHARI NOOR

जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं
जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं
और क्या जुर्म है पता ही नहीं
जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं

इतने हिसो में बात गया हूं मैं
इतने हिसो में बात गया हूं मैं
इतने हिसो में बात गया हूं मैं
मेरे हिस्से में कुछ बच्चा ही नहीं
मेरे हिस्से में कुछ बच्चा ही नहीं
जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं

सच घाटे हां बड़े तो सच ना ​​रहे
सच घाटे हां बड़े तो सच ना ​​रहे
सच घाटे हां बड़े तो सच ना ​​रहे
झूठ की कोई इंतेहा ही नहीं
झूठ की कोई इंतेहा ही नहीं

जड़ दो चांदी में चाहे सोने में
जड़ दो चांदी में चाहे सोने में
जड़ दो चांदी में चाहे सोने में
आइना झूठ बोलता ही नहीं
आइना झूठ बोलता ही नहीं
जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं
और क्या जुर्म है पता ही नहीं
जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं

Trivia about the song Zindegi Se Badi Saza Hi Nahin [Golden Moment Jagjit Singh] by Jagjit Singh

Who composed the song “Zindegi Se Badi Saza Hi Nahin [Golden Moment Jagjit Singh]” by Jagjit Singh?
The song “Zindegi Se Badi Saza Hi Nahin [Golden Moment Jagjit Singh]” by Jagjit Singh was composed by JAGJIT SINGH, KRISHNA BIHARI NOOR.

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