Jahan Zindagi Ka

Arjan Das

जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ

मेरा होसला देखा ले तू भी ज़ालिम
उठा कर भी घाम मुश्कूराने चला हूँ
मेरा होसला देखा ले तू भी ज़ालिम
उठा कर भी घाम मुश्कूराने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ

हसीनो वो गलिया भी तक जवान हैं
जहाँ में जवानी लूटने चला हूँ
हसीनो वो गलिया भी तक जवान हैं
जहाँ में जवानी लूटने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ

उन्हें तो बुझाने की ज़िद हो गयी हैं
मैं शमाए मोहब्बत जलाने चला हूँ
उन्हें तो बुझाने की ज़िद हो गयी हैं
मैं शमाए मोहब्बत जलाने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ.

Trivia about the song Jahan Zindagi Ka by Manhar Udhas

When was the song “Jahan Zindagi Ka” released by Manhar Udhas?
The song Jahan Zindagi Ka was released in 2009, on the album “Aap Ki Pasand”.
Who composed the song “Jahan Zindagi Ka” by Manhar Udhas?
The song “Jahan Zindagi Ka” by Manhar Udhas was composed by Arjan Das.

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