Jahan Zindagi Ka
जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ
मेरा होसला देखा ले तू भी ज़ालिम
उठा कर भी घाम मुश्कूराने चला हूँ
मेरा होसला देखा ले तू भी ज़ालिम
उठा कर भी घाम मुश्कूराने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ
हसीनो वो गलिया भी तक जवान हैं
जहाँ में जवानी लूटने चला हूँ
हसीनो वो गलिया भी तक जवान हैं
जहाँ में जवानी लूटने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ
उन्हें तो बुझाने की ज़िद हो गयी हैं
मैं शमाए मोहब्बत जलाने चला हूँ
उन्हें तो बुझाने की ज़िद हो गयी हैं
मैं शमाए मोहब्बत जलाने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ
जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ.