Bewafa Tera Masoom Chehra

Anwar Farrukhabadi

कोई जहां में मेरी तराह
बेकरार न हो
खुदा करें के किसीको
किसी से प्यार न हो
वो जाने क्या जो
तेरी बेरुखी पे हो ना फिदा
वो दिल ही क्या जो
तेरे हुस्न पे निसार न हो
बेवफा तेरा मासूम चेहरा
बेवफा तेरा मासूम चेहरा
भूल जाने के काबिल नहीं है
भूल जाने के काबिल नहीं है

बेवफा तेरा मासूम चेहरा
बेवफा तेरा मासूम चेहरा
भूल जाने के काबिल नहीं है
भूल जाने के काबिल नहीं है

बेवफा तेरा मासूम चेहरा
भूल जाने के काबिल नहीं है
बेवफा तेरा मासूम चेहरा
भूल जाने के काबिल नहीं है
तू बहोत खूबसूरत है लेकिन
तू बहोत खूबसूरत है लेकिन
दिल लगाने के काबिल नहीं है
दिल लगाने के काबिल नहीं है

बेवफा तेरा मासूम चेहरा
भूल जाने के काबिल नहीं है
भूल जाने के काबिल नहीं है

मैंने पूछा के काल शब कहाँ थे
पेहले शरमाये फिर हसके बोले
मैंने पूछा के काल शब कहाँ थे
पेहले शरमाये फिर हसके बोले

ये भी है कल की बात ज़रा ये बताइये
था इसमें किसका हाथ ज़रा ये बताइये
अरे कैसे गुज़ारी रात ज़रा ये बताइये
कल शब थे किसके साथ ज़रा ये बताइये

मैंने पूछा के कल शब कहाँ थे
पेहले सरमाये फिर हसके बोले
आप वो बात क्यूँ पुछते है
आप वो बात क्यूँ पुछते है
जो बताने के काबिल नहीं है
जो बताने के काबिल नहीं है

बेवफा तेरा मासूम चेहरा
भूल जाने के काबिल नहीं है
भूल जाने के काबिल नहीं है

बोझ पड़ते हे नाजों अदा का
शर्म से झुक गयी है निगाहे

बोझ पड़ते हे नाजों अदा का
शर्म से झुक गयी है निगाहे

मेरी निगाह आज बड़ा काम क्र गयी
चेहरे पे उसके शर्म की लाली भिखर गयी
अरे नाजो अदा से हुस्न की दुनिया सवर गयी
अरे शर्मा ह्या से जवानी और निखर गयी

बोझ पड़ते हे नाजों अदा का
शर्म से झुक गयी है निगाहे
अब तो तेरी ये चंचल जवानी
अब तो तेरी ये चंचल जवानी
सर उठाने के काबिल नहीं हे
सर उठाने के काबिल नहीं हे

बेवफा तेरा मासूम चेहरा
भूल जाने के काबिल नहीं है
भूल जाने के काबिल नहीं है

जब कहा पे बेवफा उनको अनवर
जुल्फ की तरह बलखाके बोले

जब कहा पे बेवफा उनको अनवर
जुल्फ की तरह बलखाके बोले

जिस दिल पे नाज़ था मुझे वो दिल न रहा
फिर भी में उनकी याद से दाखिल न रहा
लेकिन वो इक बात पे ऐसे खफा हुए
अरे कहने लगे ये प्यार के काबिल न रहा

जब कहा पे बेवफा उनको अनवर
जुल्फ की तरह बलखाके बोले
इसको फांसी लगा दो ये आशिक
इसको फांसी लगा दो ये आशिक
रेहम खाने के काबिल नहीं हे
रेहम खाने के काबिल नहीं हे

बेवफा तेरा मासूम चेहरा
भूल जाने के काबिल नहीं है
भूल जाने के काबिल नहीं है

तू बहोत खूबसूरत है लेकिन
दिल लगाने के काबिल नहीं है
दिल लगाने के काबिल नहीं है

Trivia about the song Bewafa Tera Masoom Chehra by Mohammed Aziz

Who composed the song “Bewafa Tera Masoom Chehra” by Mohammed Aziz?
The song “Bewafa Tera Masoom Chehra” by Mohammed Aziz was composed by Anwar Farrukhabadi.

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