Kitne Mausam Kitne Sawan

BAPPI LAHIRI, SHYAMLAL HARLAL RAI INDIVAR

हो हो हो हो हो
कितने मौसम कितने सावन
कितने सावन बीत गए
तुम हो वहि या और कोई
तुम लगने लगे नए

कितनी धड़कन कितने यौवन
कितने यौवन बीत गए
हर पल मिलना ऐसे ही तुम
जैसे आज मिले

कितने मौसम कितने सावन
कितने सावन बीत गए

धड़कन है जितनी दिल में
तेरे ही संग गुजारु
खोलू मैं जब भी आँखे
तेरी सुरत निहारु

धड़कन है जितनी दिल में
तेरे ही संग गुजारु
खोलू मैं जब भी आँखे
तेरी सुरत निहारु
ले लेकर तेरा नाम सजन
मेरी हर साँस चले

कितने मौसम कितने सावन
कितने सावन बीत गए

हर पल मिलना ऐसे ही तुम
जैसे आज मिले
कितनी धड़कन कितने यौवन
कितने यौवन बीत गए

तेरे बदन के मुकाबिल
क्या फूल और क्या सितारे
कुछ भी नहीं तेरे आगे
दुनिया के सारे नज़ारे

तेरे बदन के मुकाबिल
क्या फूल और क्या सितारे
कुछ भी नहीं तेरे आगे
दुनिया के सारे नज़ारे
ज़न्नत की हस्ती ही क्या
तेरा जो साथ मिले

कितनी धड़कन कितने यौवन
कितने यौवन बीत गए

तुम हो वहि या और कोई
तुम लगने लगे नए
कितने मौसम कितने सावन
कितने सावन बीत गए

कितनी धड़कन कितने यौवन
कितने यौवन बीत गए

हो हो हो
हो हो हो

आ आ आ आ आ आ आ (आ आ आ आ आ आ आ)

Trivia about the song Kitne Mausam Kitne Sawan by Mohammed Aziz

Who composed the song “Kitne Mausam Kitne Sawan” by Mohammed Aziz?
The song “Kitne Mausam Kitne Sawan” by Mohammed Aziz was composed by BAPPI LAHIRI, SHYAMLAL HARLAL RAI INDIVAR.

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