Pyar Ki Ganga Bahe

Javed Akhtar

सुन सुन सुन मेरे नन्हे सुन
सुन सुन सुन मेरे मुन्ने सुन
प्यार की गंगा बहे, देश मे एकता रहे

सुन सुन सुन मेरी नन्ही सुन
सुन सुन सुन मेरी मुन्नी सुन
प्यार की गंगा बहे, देश मे एकता रहे

ख़त्म काली रात हो, रोशनी की बात हो
दोस्ती की बात हो, जिंदगी की बात हो
बात हो इंसान की, बात हिन्दुस्तान की
सारा भारत ये कहे, प्यार की गंगा बहे
प्यार की गंगा बहे, देश मे एकता रहे

अब ना दुश्मनी पले
अब ना कोई घर जले
अब नही उजड़े सुहाग
अब नही फैले ये आग
अब ना हो बच्चे अनाथ
अब ना हो नफ़रत की घाट

सारा भारत ये कहे, प्यार की गंगा बहे
प्यार की गंगा बहे, देश मे एकता रहे

सारे बच्चे बच्चिया सारे बूढ़े
और जवा यानी सब हिन्दुस्ता
एक मंज़िल पर मिले, एक साथ फिर चले
एक साथ फिर रहे, एक साथ फिर कहे
एक साथ फिर कहे

फिर कहे

प्यार की गंगा बहे, देश मे एकता रहे

प्यार की गंगा बहे, देश मे एकता रहे
देश मे एकता रहे सारा भारत ये कहे
सारा भारत ये कहे, देश मे एकता रहे

Trivia about the song Pyar Ki Ganga Bahe by Mohammed Aziz

Who composed the song “Pyar Ki Ganga Bahe” by Mohammed Aziz?
The song “Pyar Ki Ganga Bahe” by Mohammed Aziz was composed by Javed Akhtar.

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