Aaj Kal Mein Dhal Gaya Din

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

आज कल में ढल गया दिन हुआ तमाम
तू भी सोजा सो गई रंग भरी शाम
आज कल में ढल गया दिन हुआ तमाम
तू भी सोजा सो गई रंग भरी शाम
आज कल में ढल गया

सो गया चमन चमन, सो गई कली कली
सो गए है सब नगर, सो गई गली गली
सो गया चमन चमन, सो गई कली कली
सो गए है सब नगर, सो गई गली गली
निंद कह रही है चल, मेरी बाहे थाम
तू भी सोजा सो गई रंग भरी शाम
आज कल में ढल गया

है बुझा बुझा सा दिल, बोझ सांस सांस पर
जी रहे हैं फिर भी हम, सिर्फ कल आस पर
है बुझा बुझा सा दिल, बोझ सांस सांस पर
जी रहे हैं फिर भी हम, सिर्फ कल आस पर
कह रही है चांदनी, लेके तेरा नाम
तू भी सोजा सो गई रंग भरी शाम
आज कल में ढल गया

कौन आये गा इधर, किसकी राह देखे हम
जिन्की अहाटे सुनी, जाने किसके थे कदम
कौन आये गा इधर, किसकी राह देखे हम
जिन्की अहाटे सुनी, जाने किसके थे कदम
अपना कोई भी नहीं, अपने है तो रामो
तू भी सोजा सो गई रंग भरी शाम
आज कल में ढल गया दिन हुआ तमांम
हम्म मम ओ ओ ओ ओ

Trivia about the song Aaj Kal Mein Dhal Gaya Din by Mohammed Rafi

Who composed the song “Aaj Kal Mein Dhal Gaya Din” by Mohammed Rafi?
The song “Aaj Kal Mein Dhal Gaya Din” by Mohammed Rafi was composed by SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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