Aakhri Geet Mohabbat Ka

Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan

आखिरी गीत मुहब्बत का सुना लूँ तो चलूँ
आखिरी गीत मुहब्बत का सुना लूँ तो चलूँ
मैं चला जाऊंगा, दो अश्क़ बहा लूँ तो चलूँ
मैं चला जाऊंगा

आज वो दिन है के तूने मुझे ठुकराया है
आज वो दिन है के तूने मुझे ठुकराया है
अपना अंजाम इन आँखों को नज़र आया है
वहशे-ऐ-दिल मैं ज़रा होश में आ लूँ तो चलूँ
मैं चला जाऊंगा

आज मैं गैर हूँ, कुछ दिन हुए मैं गैर ना था
आज मैं गैर हूँ, कुछ दिन हुए मैं गैर ना था
मेरी चाहत मेरी उल्फत से तुझे बैर ना था
मैं हूँ अब गैर यकीं दिल को दिला लूँ तो चलूँ
मैं चला जाऊंगा

तेरी दुनिया से मैं एक रोज़ चला जाऊंगा
तेरी दुनिया से मैं एक रोज़ चला जाऊंगा
और गए वक़्त की मानिंद नहीं आऊंगा
फिर ना आने की क़सम आज मैं खा लूँ तो चलूँ
आखिरी गीत मुहब्बत का सुना लूँ तो चलूँ
मैं चला जाऊंगा
मैं चला जाऊंगा , दो अश्क़ बहा लूँ तो चलूँ
मैं चला जाऊंगा

Trivia about the song Aakhri Geet Mohabbat Ka by Mohammed Rafi

Who composed the song “Aakhri Geet Mohabbat Ka” by Mohammed Rafi?
The song “Aakhri Geet Mohabbat Ka” by Mohammed Rafi was composed by Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan.

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