Abhi Na Jaao Chhod Kar Stereo

Jaidev, Sahir Ludhianvi

अभी ना जाओ छोड़कर
के दिल अभी भरा नहीं
अभी ना जाओ छोड़कर
के दिल अभी भरा नहीं

अभी-अभी तो आई हो, अभी-अभी तो
अभी-अभी तो आई हो, बहार बन के छाई हो
हवा ज़रा महक तो ले, नज़र ज़रा बहक तो ले
ये शाम ढल तो ले ज़रा, ये दिल सम्भल तो ले ज़रा
मैं थोड़ी देर जी तो लूँ, नशे के घूँट पी तो लूँ
नशे के घूँट पी तो लूँ
अभी तो कुछ कहा नहीं, अभी तो कुछ सुना नहीं
अभी ना जाओ छोड़कर
के दिल अभी भरा नहीं

सितारे झिलमिला उठे, चराग़ जगमगा उठे
बस अब न मुझको टोकना, न बढ़ के राह रोकना
बस अब न मुझको टोकना, न बढ़ के राह रोकना
अगर मैं रुक गई अभी, तो जा न पाऊँगी कभी
यही कहोगे तुम सदा, के दिल अभी नहीं भरा
जो खत्म हो किसी जगह, ये ऐसा सिलसिला नहीं
अभी नहीं, अभी नहीं, नहीं नहीं नहीं नहीं
अभी ना जाओ छोड़कर
के दिल अभी भरा नहीं

अधूरी आस छोड़ के, अधूरी प्यास छोड़ के
जो रोज़ यूँ ही जाओगी, तो किस तरह निभाओगी
कि ज़िंदगी की राह में, जवाँ दिलों की चाह में
कई मक़ाम आएंगे, जो हमको आज़माएंगे
बुरा न मानो बात का, ये प्यार है गिला नहीं
हाँ, यही कहोगे तुम सदा, के दिल अभी भरा नहीं
हाँ, दिल अभी भरा नहीं, नहीं नहीं नहीं नहीं

Trivia about the song Abhi Na Jaao Chhod Kar Stereo by Mohammed Rafi

Who composed the song “Abhi Na Jaao Chhod Kar Stereo” by Mohammed Rafi?
The song “Abhi Na Jaao Chhod Kar Stereo” by Mohammed Rafi was composed by Jaidev, Sahir Ludhianvi.

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