Ae Husn Zara Jaag Tujhe Ishq

Naushad, Shakeel Badayuni, BADAYUNI SHAKEEL, SHAKEEL BADAYUNI

ऐ हुस्न ज़रा जाग तुझे इश्क जगाये
ऐ हुस्न ज़रा जाग तुझे इश्क जगाये
बदले मेरी तकदीर जो तू होश में आये
ऐ हुस्न ज़रा जाग तुझे इश्क जगाये

ये प्यार के नगमे ये मुहब्बत के तराने
तुझको बड़े अरमान से लाया हूँ सुनाने
उम्मीद मेरे दिल की कहीं टूट न जाये
ऐ हुस्न ज़रा जाग तुझे इश्क जगाये

साज़-ए-दिले खामोश में एक सोज जगा दे
तू भी मेरी आवाज़ में आवाज़ मिला दे
आया हूँ तेरे दर पे बड़ी आस लगाये
ऐ हुस्न ज़रा जाग तुझे इश्क जगाये

ऐ शम्मा तू आजा ज़रा चिलमनसे निकलके
हसरत है कि रहा जाऊं तेरी आग में जलके
परवाना वो क्या तुझपे जो मिटकर ना दिखा दे
ऐ हुस्न ज़रा जाग तुझे इश्क जगाये
बदले मेरी तकदीर जो तू होश में आये
ऐ हुस्न ज़रा जाग तुझे इश्क जगाये

Trivia about the song Ae Husn Zara Jaag Tujhe Ishq by Mohammed Rafi

Who composed the song “Ae Husn Zara Jaag Tujhe Ishq” by Mohammed Rafi?
The song “Ae Husn Zara Jaag Tujhe Ishq” by Mohammed Rafi was composed by Naushad, Shakeel Badayuni, BADAYUNI SHAKEEL, SHAKEEL BADAYUNI.

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