Aese To Na Dekho

MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN

ऐसे तो न देखो, के हमको नशा हो जए
ऐसे तो न देखो, के हमको नशा हो जए
ख़ूबसूरत सी कोई हमसे ख़ता हो जाए
ख़ूबसूरत सी कोई हमसे ख़ता हो जाए
ऐसे तो न देखो

तुम हमें रोको फिर भी हम ना रुकें
तुम कहो काफ़िर फिर भी ऐसे झुकें
क़दम-ए-नाज़ पे इक सजदा अदा हो जाये
ऐसे तो न देखो, के हमको नशा हो जाए
ख़ूबसूरत सी कोई हमसे ख़ता हो जाए
ऐसे तो न देखो

यूँ न हो आँखे रहें काजल घोलें
बढ़ के बेखुदी हंसीं गेसू खोलें
खुल के फिर ज़ुल्फ़ें सियाह काली बला हो जाये
ऐसे तो न देखो, के हमको नशा हो जाए
ख़ूबसूरत सी कोई हमसे ख़ता हो जाए
ऐसे तो न देखो

हम तो मस्ती में जाने क्या क्या कहें
लब-ए-नाज़ुक से ऐसा न हो तुम्हें
बेक़रारी का गिला हम से सिवा हो जाये
ऐसे तो न देखो, के हमको नशा हो जए
ख़ूबसूरत सी कोई हमसे ख़ता हो जाए
ऐसे तो न देखो

Trivia about the song Aese To Na Dekho by Mohammed Rafi

Who composed the song “Aese To Na Dekho” by Mohammed Rafi?
The song “Aese To Na Dekho” by Mohammed Rafi was composed by MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN.

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