Ajab Hai Malik Tera Jahan

Ravi, Prem Dhawan

अजब है मलिक तेरा जहाँ, चिराग कहाँ रोशनी कहाँ
चिराग कहाँ रोशनी कहाँ
अजब है मलिक तेरा जहाँ, चिराग कहाँ रोशनी कहाँ
आग लगे नहीं उत्ते धुआँ, चिराग कहाँ रोशनी कहाँ(आ आ आ आ आ, आ आ आ आ आ)

आ आ आ आ आ, आ आ आ आ आ
चाँद से देखा दूर चकोरा
धरती दूर गगन से
आँख से दूर है आँख का तारा, बिचड़ा फूल चमन से
यह कैसा दस्तूर यहाँ,
यह कैसा दस्तूर यहाँ
चिराग कहाँ रोशनी कहाँ, अजब है मलिक तेरा जहाँ
चिराग कहाँ रोशनी कहाँ(आ आ आ आ)

आ आ आ आ, आ आ आ आ
दे कर अपना दीप करे जो, किसी का घर उजियारा
आज उससी के मान में छाया, क्यूँ गम का अंधियारा
आई बहारें ले के खीज़ान
आई बहारें ले के खीज़ान
चिराग कहाँ रोशनी कहाँ, अजब है मलिक तेरा जहाँ(आ आ आ आ)
चिराग कहाँ रोशनी कहाँ (आ आ आ आ)

चिराग कहाँ रोशनी कहाँ
चिराग कहाँ रोशनी कहाँ
चिराग कहाँ रोशनी कहाँ

Trivia about the song Ajab Hai Malik Tera Jahan by Mohammed Rafi

Who composed the song “Ajab Hai Malik Tera Jahan” by Mohammed Rafi?
The song “Ajab Hai Malik Tera Jahan” by Mohammed Rafi was composed by Ravi, Prem Dhawan.

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