Ansoo Ko Pasine Men Badlo

Indeewar, Shankar-Jaikishan

ओहो ओहो ओहो ओहो

आंसू को पसीने में बादलो मेहनत से नसीब बदलता है
ये इतना ही सच है इतना सूरज हर रोज़ निकलता है
आंसू को पसीने में बादलो मेहनत से नसीब बदलता है
ये इतना ही सच है इतना सूरज हर रोज़ निकलता है

एक पल में छुपा है एक जीवन एक पल न बीतना बातो में
किस्मत न सितारो में देखो किस्मत है तुम्हारे हाथों में
बातों से कुछ भी नहीं होता हाथों से ही कुछ बनता है
मेहनत का नाम है ताजमहल मेहनत का नाम अजन्ता है
इंसा का पसीना गिरते ही पत्थर से फूल निकलता है
ये इतना ही सच है इतना सूरज हर रोज़ निकलता है

एक रोज़ तो दौलत के बदले मेहनत का सिक्का चलना है
मेहनत का सिक्का चलना है सारा संसार बदलना है
जब महेनत की किम्मत होगी चंडी न कही चल पायेगी
सिक्कों में नहीं ढल पायेगी मेहनत को नहीं छल पायेगी
हाथों की ताकत के आगे पर्बत का दिल भी दहलता है
ये इतना ही सच है इतना सूरज हर रोज़ निकलता है
आंसू को पसीने में बदलो मेहनत से नसीब बदलता है
ये इतना ही सच है इतना सूरज हर रोज़ निकलता है

Trivia about the song Ansoo Ko Pasine Men Badlo by Mohammed Rafi

Who composed the song “Ansoo Ko Pasine Men Badlo” by Mohammed Rafi?
The song “Ansoo Ko Pasine Men Badlo” by Mohammed Rafi was composed by Indeewar, Shankar-Jaikishan.

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