Apno Ko Jo Thukrayega

Anand Bakshi

अपनो को जो ठुकराएगा
गैरो की ठोकरे खायेगा
अपनो को जो ठुकराएगा
गैरो की ठोकरे खायेगा
इक पल की गलतफैमी के
लिए सारा जीवन पछतायेगा
अपनो को जो ठुकराएगा
गैरो की ठोकरे खायेगा

तूने समझा है जित जिसे
वह बन जायेगी हार कभी
तूने समझा है जित जिसे
वह बन जायेगी हार कभी
यह मान तेरा अभिमान तेरा
तुझपे ही करेगा वार कभी
यह चोट सही न जाएगी
यह दर्द सहा न जायेगा
अपनो को जो ठुकराएगा
गैरो की ठोकर खायेगा

आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ

शादी दो दिन का मेल नहीं
गुड्डे गुड़िया का खेल नहीं
यह प्यार दो इंसानों का
यह इश्क़ नहीं दिवानो का
इसमें जिद का कुछ काम नहीं
यह जीवन संग्राम नहीं
भूलोगे तोह खो जाओगे
तुम दूर बहुत हो जाओगे
तुम दूर बहुत हो जाओगे

तो क्या हुआ हम बच्चों
के सहारे जिएंगे
बच्चों के साथ गुजर कब तक
यह देंगे साथ मगर कब तक
जब वह भी हो जायेंगे बड़े
तुम सोचोगे यह दूर खड़े
क्या सच है और क्या सपना है
अब दुनिया में क्या अपना है
क्या है अपना अपना
क्या है क्या है अपना

इसलिए यह बंधन मत तोड़ो
अपनी मर्यादा मत छोडो
इसलिए यह बंधन मत तोड़ो
अपनी मर्यादा मत छोडो
आपस में जो टकराओगे
तोह टुटके बस रह जाओगे
तोह टुटके बस रह जाओगे
देखेगा शक़ का पिंजरा तो
सुख का पंछी उड़ जाएगा
देखेगा शक़ का पिंजरा तो
सुख का पंछी उड़ जाएगा

Trivia about the song Apno Ko Jo Thukrayega by Mohammed Rafi

Who composed the song “Apno Ko Jo Thukrayega” by Mohammed Rafi?
The song “Apno Ko Jo Thukrayega” by Mohammed Rafi was composed by Anand Bakshi.

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