Aye Gulbadan

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

ऐ गुलबदन ऐ गुलबदन फूलों की महक काँटों की चुभन
तुझे देख के कहता है मेरा मन
कहीं आज किसी से मुहब्बत ना हो जाए
कहीं आज किसी से मुहब्बत ना हो जाए
ऐ गुलबदन ऐ गुलबदन फूलों की महक काँटों की चुभन
तुझे देख के कहता है मेरा मन
कहीं आज किसी से मुहब्बत ना हो जाए
कहीं आज किसी से मुहब्बत ना हो जाए

क्या हसीन मोड़ पर आ गई ज़िंदगानी
की हक़ीक़त न बन जाए मेरी कहानी
क्या हसीन मोड़ पर आ गई ज़िंदगानी
की हक़ीक़त न बन जाए मेरी कहानी
जब आहें भरे ये ठंडी पवन
सीने में सुलग उठती है अगन
तुझे देख के कहता है मेरा मन
कहीं आज किसी से मुहब्बत ना हो जाए
कहीं आज किसी से मुहब्बत ना हो जाए

मैं तुम्हीं से यूँ आँखें मिलाता चला हूँ
कि तुम्हीं को मैं तुमसे चुराता चला हूँ
मैं तुम्हीं से यूँ आँखें मिलाता चला हूँ
कि तुम्हीं को मैं तुमसे चुराता चला हूँ
मत पूछो मेरा दीवानापन
आकाश से ऊँची दिल की उड़न
तुझे देख के कहता है मेरा मन
कहीं आज किसी से मुहब्बत ना हो जाए
कहीं आज किसी से मुहब्बत ना हो जाए
ऐ गुलबदन ऐ गुलबदन फूलों की महक काँटों की चुभन
तुझे देख के कहता है मेरा मन
कहीं आज किसी से मुहब्बत ना हो जाए

Trivia about the song Aye Gulbadan by Mohammed Rafi

Who composed the song “Aye Gulbadan” by Mohammed Rafi?
The song “Aye Gulbadan” by Mohammed Rafi was composed by Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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