Aye Nargis E Mastana

JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT

अम्म
ऐ नर्गिस ए मस्ताना बस इतनी शिकायत है बस इतनी शिकायत है
समझा हमें बेगाना बस इतनी शिकायत है बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस ए मस्ताना

हो जाते हो बरहम भी बन जाते हो हमदम भी
ऐ साक़ी ए मैख़ाना शोला भी हो शबनम भी
ऐ साक़ी ए मैख़ाना शोला भी हो शबनम भी
हो खाली मेरा पैमाना बस इतनी शिकायत है बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस ए मस्ताना

हर रंग क़यामत है हर ढंग शरारत है
दिल तोड़ के चल देना ये हुस्न की आदत है
दिल तोड़ के चल देना ये हुस्न की आदत है
हाय आता नहीं बहलाना बस इतनी शिकायत है बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस ए मस्ताना बस इतनी शिकायत है बस इतनी शिकायत है
समझा हमें बेगाना बस इतनी शिकायत है बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस ए मस्ताना

Trivia about the song Aye Nargis E Mastana by Mohammed Rafi

Who composed the song “Aye Nargis E Mastana” by Mohammed Rafi?
The song “Aye Nargis E Mastana” by Mohammed Rafi was composed by JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT.

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