Babul Ki Duayen [Classic Jhankar Beats]

Sahir Ludhianvi

बाबुल की दुआएँ लेती जा
जा तुझको सुखी संसार मिले
बाबुल की दुआएँ लेती जा
जा तुझको सुखी संसार मिले
मैके की कभी ना याद आए
ससुराल में इतना प्यार मिले
बाबुल की दुआएँ लेती जा
जा तुझको सुखी संसार मिले

नाज़ों से तुझे पाला मैंने
कलियों की तरह फूलों की तरह

बचपन में झुलाया है तुझको
बाँहों ने मेरी झूलों की तरह
मेरे बाग़ की ऐ नाज़ुक डाली
तुझे हर पल नई बहार मिले
मैके की कभी ना याद आए
ससुराल में इतना प्यार मिले

जिस घर से बँधे हैं भाग तेरे
उस घर में सदा तेरा राज रहे

होंठों पे हँसी की धूप खिले
माथे पे ख़ुशी का ताज रहे
कभी जिसकी जोत न हो फीकी
तुझे ऐसा रूप सिंगार मिले
मैके की कभी ना याद आए
ससुराल में इतना प्यार मिले

बीतें तेरे जीवन की घड़ियाँ
आराम की ठंडी छाँव में
काँटा भी न चुभने पाए कभी
मेरी लाड़ली तेरे पाँवों में
उस द्वार से भी दुख दूर रहें
जिस द्वार से तेरा द्वार मिले
मैके की कभी ना याद आए
ससुराल में इतना प्यार मिले
बाबुल की दुआएँ लेती जा
जा तुझको सुखी संसार मिले
बाबुल की दुआएँ लेती जा

Trivia about the song Babul Ki Duayen [Classic Jhankar Beats] by Mohammed Rafi

Who composed the song “Babul Ki Duayen [Classic Jhankar Beats]” by Mohammed Rafi?
The song “Babul Ki Duayen [Classic Jhankar Beats]” by Mohammed Rafi was composed by Sahir Ludhianvi.

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