Barbad-E-Mohabbat [Revival]

SAHIR, MADAN MOHAN

बरबाद-ए-मोहब्बत की दुआ साथ लिए जा
बरबाद-ए-मोहब्बत की दुआ साथ लिए जा
टूटा हुआ इकरार-ए-वफ़ा साथ लिए जा
बरबाद-ए-मोहब्बत की दुआ साथ लिए जा

इक दिल था जो पहले ही तुझे सौंप दिया था
इक दिल था जो पहले ही तुझे सौंप दिया था
ये जान भी ऐ जान-ए-अदा साथ लिए जा
ये जान भी ऐ जान-ए-अदा साथ लिए जा

तपती हुई राहों से तुझे आँच न पहुँचे
तपती हुई राहों से तुझे आँच न पहुँचे
दीवाने के अश्क़ों की घटा साथ लिए जा
दीवाने के अश्क़ों की घटा साथ लिए जा

शामिल है मेरा खून-ए-जिगर तेरी हिना में
शामिल है मेरा खून-ए-जिगर तेरी हिना में
ये कम हो तो अब खून-ए-वफ़ा साथ लिए जा
ये कम हो तो अब खून-ए-वफ़ा साथ लिए जा

हम जुर्म-ए-मुहब्बत की सज़ा पाएंगे तन्हा
हम जुर्म-ए-मुहब्बत की सज़ा पाएंगे तन्हा
जो तुझसे हुई हो वो ख़ता साथ लिए जा
जो तुझसे हुई हो वो ख़ता साथ लिए जा
टूटा हुआ इकरार-ए-वफ़ा साथ लिए जा
बरबाद-ए-मोहब्बत की दुआ साथ लिए जा
बरबाद-ए-मोहब्बत की दुआ साथ लिए जा

Trivia about the song Barbad-E-Mohabbat [Revival] by Mohammed Rafi

Who composed the song “Barbad-E-Mohabbat [Revival]” by Mohammed Rafi?
The song “Barbad-E-Mohabbat [Revival]” by Mohammed Rafi was composed by SAHIR, MADAN MOHAN.

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