Bhagwan Ek Qasoor Ki

Ravi, Shakeel Badayuni

ज़ुल्म के तीर चले कुछ ऐसे
लूट गया दिल का बाग़
दुनिया ने वो ज़ख्म दिया
जो बन गया गहरा दाग
भगवान एक कसूर
की इतनी बड़ी सजा
दुनिया तेरी यही है
तोह दुनिया से मैं चला
भगवान एक कसूर (आ)
की इतनी बड़ी सजा (आ)
दुनिया तेरी यही है (आ)
तोह दुनिया से मैं चला (आ)

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

दुनिया के जालिमो ने
चलायी वह आँधिया
दुनिया के जालिमो ने
चलायी वह आँधिया
चलायी वह आँधिया
सारे चिराग़ बुझ गए
मै देखता रहा
दुनिया तेरी यही है
तोह दुनिया से मैं चला
भगवान एक कसूर (आ)
की इतनी बड़ी सजा (आ)
दुनिया तेरी यही है (आ)
तोह दुनिया से मैं चला (आ)

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

मुझ सा बदनसीबन
हो कोई जहाँ में
मुझ सा बदनसीबन
हो कोई जहाँ में
कोई जहाँ में हाय
जो भी मिला उसिने
गुनहगार ही कहा
दुनिया तेरी यही है
तोह दुनिया से मैं चला
भगवान एक कसूर (आ)
की इतनी बड़ी सजा (आ)
दुनिया तेरी यही है (आ)
तोह दुनिया से मैं चला

Trivia about the song Bhagwan Ek Qasoor Ki by Mohammed Rafi

Who composed the song “Bhagwan Ek Qasoor Ki” by Mohammed Rafi?
The song “Bhagwan Ek Qasoor Ki” by Mohammed Rafi was composed by Ravi, Shakeel Badayuni.

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