Bhalai Duniya Ki Jo Subah - O - Sham

Raja Mehdi Ali Khan

भलाई दुनिया की जो
सुबहो शाम करते है
भलाई दुनिया की जो
सुबहो शाम करते है
फलक पे उनको करीब से
सलाम करते है
भलाई दुनिया की जो
सुबहो शाम करते है
फलक पे उनको करीब से
सलाम करते है
भलाई दुनिया की जो
सुबहो शाम करते है

खुदा की राह में
लूटते है माल अगर
वो अपने घर को
समझते नही है धार अपना
ज़मीन पे रह के
फलक पे मकाम करते है
ज़मीन पे रह के
फलक पे मकाम करते है
फलक पे उनको करीब से
सलाम करते है
भलाई दुनिया की जो
सुबहो शाम करते है
फलक पे उनको करीब से
सलाम करते है
भलाई दुनिया की जो
सुबहो शाम करते है

उन्हे सुकून नही मिलता
कभी अमीरी में
के बदसही भी टार्ट है
वो फकीरी में
मूषिबतो में वो उमरे
तमाम करते है
मूषिबतो में वो उमरे
तमाम करते है
फलक पे उनको करीब से
सलाम करते है
भलाई दुनिया की जो
सुबहो शाम करते है
फलक पे उनको करीब से
सलाम करते है
भलाई दुनिया की जो
सुबहो शाम करते है.

Trivia about the song Bhalai Duniya Ki Jo Subah - O - Sham by Mohammed Rafi

Who composed the song “Bhalai Duniya Ki Jo Subah - O - Sham” by Mohammed Rafi?
The song “Bhalai Duniya Ki Jo Subah - O - Sham” by Mohammed Rafi was composed by Raja Mehdi Ali Khan.

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