Boonden Nahin Sitare Tapke Hai

Majrooh Sultanpuri, Kamal Joshi, Usha Khanna

बूंदे नही सितारे टपके है कहकशा से
बूंदे नही सितारे टपके है कहकशा से
सदके उतर रहे है तुम पर ये आस्मा से
बूंदे नही सितारे टपके है कहकशा से

मोती के रंग रुत के क़तरे दमक रहे है
या रेशमी लटो मे जुगनू चमक रहे है
आँचल मे जैसे बिजली कौंदे यहाँ वहाँ से
सदके उतर रहे है तुम पर ये आस्मा से
बूंदे नही सितारे टपके है कहकशा से

देखे तो कोई आलम भीगे से पैरहण का
पानी मे है ये शोला, या नूर है बदन का
अंगड़ाई ले रहे है, अरमा जवा जवा से
सदके उतर रहे है तुम पर ये आस्मा से
बूंदे नही सितारे टपके है कहकशा से

पहलू मे आके मेरे क्या चीज़ लग रही हो
बाहो के दायरे मे तस्वीर लग रही हो
हैरान हू के तुमको देखूं कहाँ कहाँ से
सदके उतर रहे है तुम पर ये आस्मा से
बूंदे नही सितारे टपके है कहकशा से
सदके उतर रहे है तुम पर ये आस्मा से
बूंदे नही सितारे टपके है कहकशा से

Trivia about the song Boonden Nahin Sitare Tapke Hai by Mohammed Rafi

Who composed the song “Boonden Nahin Sitare Tapke Hai” by Mohammed Rafi?
The song “Boonden Nahin Sitare Tapke Hai” by Mohammed Rafi was composed by Majrooh Sultanpuri, Kamal Joshi, Usha Khanna.

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