Chal More Manvaa Shyam Ke Dware

Husnlal Bhagatram

चल मोरे मनवा, श्याम के द्वारे
चल मोरे मनवा, श्याम के द्वारे
चरण कमल में जाके रख दे
अपने दुखड़े सारे, सारे
चल मोरे मनवा, श्याम के द्वारे
मैं निर्धन और लंबा पथ हैं
ना कोई डोली ना कोई रथ है
नंगे पैरों चला सुदामा
फुल बन गए कांटे सारे
चल मोरे मनवा, श्याम के द्वारे

श्याम के पथ पर काल जो आए, हँस हँस गले लगाऊँ
जग के ईश्वर नर्सिंह की महिमा
हो मतवाला गाऊँ, हो मतवाला गाऊँ
देख सुदामा रूप बदल कर आए मोहन प्यारे
चल मोरे मनवा श्याम के द्वारे
शेष नाग का रूप देख कर याद आए गिरधारी
एक जान तो क्या है, करदूँ १०० जाने बलिहारी
कितनी दूर से लेने आए हमको श्याम हमारे
चल मोरे मनवा श्याम के द्वारे

ओ नदिया तुफ़ान उठा ले, मिल के रहेंगे मिलने वाले
चल रे सुदामा श्याम सलोना तुझको आज पुकारें
तुझको आज पुकारें, तुझको आज पुकारें

Trivia about the song Chal More Manvaa Shyam Ke Dware by Mohammed Rafi

Who composed the song “Chal More Manvaa Shyam Ke Dware” by Mohammed Rafi?
The song “Chal More Manvaa Shyam Ke Dware” by Mohammed Rafi was composed by Husnlal Bhagatram.

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