Chhod Babul Ka Ghar Angana

O P Nayyar, S H Bihari

जहां बचपन बिताया आज वो
आँगन पराया है
चली बेटी तो क्या रोना
के बेटी धन पराया है
के बेटी धन पराया है
छोड़ बाबुल का घर अँगना
आज गोरी चली
डोली लेके चले साजना
कोन रोके सखि
छोड़ बाबुल का घर अँगना

कैसा दुनिया का दस्तूर है
छोड़ जाने पे मजबूर है
माँ के दिल की कली बाप की लाड़ली
रोते रोते भई भावरी
छोड़ बाबुल का घर अँगना
आज गोरी चली
डोली लेके चले सजना
कोन रोके सखि
छोड़ बाबुल का घर अँगना

लाडली तू जहाँ भी रहे
सारा जीवन ख़ुशी में कटे
गम ही गम है मुझे
दू तो क्या दु तुझे
साथ ले जा दूवाये मेरी
छोड़ बाबुल का घर अँगना
आज गोरी चली
डोली लेके चले सजना
कोन रोके सखि
डोली लेके चले सजना

Trivia about the song Chhod Babul Ka Ghar Angana by Mohammed Rafi

Who composed the song “Chhod Babul Ka Ghar Angana” by Mohammed Rafi?
The song “Chhod Babul Ka Ghar Angana” by Mohammed Rafi was composed by O P Nayyar, S H Bihari.

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