Chod Ke Teri Duniya Le Hum Ja Rahe Hai

Sahrai Verma, Prem Dhawan

ओ जाने वेल चाँद ज़रा मुस्कुरा के जा
ज़रा मुस्कुरा ज़रा मुस्कुरा के जा
जालिम ज़रा नज़र से नज़र तो मिलके जा
ओ जाने वेल चाँद ज़रा मुस्कुरा के जा
आया था आया था कोई मस्त जवानी लिए हुए
आया था आया था कोई मस्त जवानी लिए हुए
आया था आया था कोई मस्त जवानी लिए हुए
रफ़्तार मे नदी की रवानी लिए हुए
आँखो मे सौूखियो की कहानी लिए हुए
कहदो उसे के एक झलक तो दिखा के जा
ओ जाने वेल चाँद ज़रा मुस्कुरा के जा
ज़रा मुस्कुरा ज़रा मुस्कुरा के जा

दौलत है जिनके पास वो कितने है ख़ुसनसीब
हम दूर दूर आपके वो आपके करीब
माना के हम ग़रीब है दिल तो नही ग़रीब
दौलत तो आज़माई है दिल आज़मा के जा
ओ जाने वेल चाँद ज़रा मुस्कुरा के जा
ज़रा मुस्कुरा ज़रा मुस्कुरा के जा

भगवान तुझको प्यार सिखाए मेरी तरह भगवान
भगवान तुझको प्यार सिखाए मेरी तरह
दिल मे तेरे भी आग लगाए मेरी तरह
रातो को तुझको नींद ना आए मेरी तरह
या दर्द लिए जा या मेरा गुम मिटाके जा
ओ जाने वेल चाँद ज़रा मुस्कुरा के जा
ज़रा मुस्कुरा ज़रा मुस्कुरा के जा

Trivia about the song Chod Ke Teri Duniya Le Hum Ja Rahe Hai by Mohammed Rafi

Who composed the song “Chod Ke Teri Duniya Le Hum Ja Rahe Hai” by Mohammed Rafi?
The song “Chod Ke Teri Duniya Le Hum Ja Rahe Hai” by Mohammed Rafi was composed by Sahrai Verma, Prem Dhawan.

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