Dekhta Chala Gaya Main Zindagi

Rajendra Krishan

देखता चला गया
मैं ज़िंदगी की राह में
हर कोई कदम कदम पे
मस्त है गुनाहों में
तू भी एक गुनाह कर
आए दिल किसी की चाह कर
देखता चला गया
मैं ज़िंदगी की राह में

कोई कहेगा क्या
कोई सुनेगा क्या

किसी के भी कहे सुने से
तेरा वास्ता है क्या

ख़याल ज़ुलफ ए यार कर
ये लो
ख़याल ज़ुलफ ए यार कर
नज़र को बेक़रार कर

नहीं होती

इधर उधर पड़े कदम
तू कर ना घाम
ना सोच ज़िंदगी में
तेरा रास्ता है क्या

देखता चला गया
मैं ज़िंदगी की राह में

ये चाँद की हसीन शम्मा
आज तेरे हाथ है

क्या बात है
बड़ा हसीन साथ है

हसीन हूँ मैं
जवान है तू
मगर बता कहाँ है तू

जहा हूँ मैं
वहाँ तो ज़िंदगी
नशे में चूर है
सरूर ही सरूर है
तेरी नज़र का नूर है

ज़रा क़रीब आ मेरे

अर्रे अपना भी मजबूर है
और तू बहोट ही दूर है

देखता चला गया
मैं ज़िंदगी की राह में
हर कोई कदम कदम पे
मस्त है गुनाहों में

Trivia about the song Dekhta Chala Gaya Main Zindagi by Mohammed Rafi

Who composed the song “Dekhta Chala Gaya Main Zindagi” by Mohammed Rafi?
The song “Dekhta Chala Gaya Main Zindagi” by Mohammed Rafi was composed by Rajendra Krishan.

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