Dhal Chuki Sham-E-Gham

Naushad, Shakeel Badayuni

ढल चुकी शाम-ए-ग़म मुस्करा ले सनम
इक नई सुबह दुनिया में आने को है
प्यार सजने लगा साज बजने लगा
ज़िन्दगी दिल के तारों पे गाने को है
ढल चुकी शाम-ए-ग़म मुस्करा ले सनम

आज पायल भी है नग़्मा-ए-दिल भी है
रंग-ए-उल्फ़त बहारों में शामिल भी है
आज पायल भी है
आज पायल भी है नग़्मा-ए-दिल भी है
रंग-ए-उल्फ़त बहारों में शामिल भी है
आ गई है मिलन की सुहानी घड़ी
वक़्त की ताल पर नाचती है ख़ुशी
नाचती है ख़ुशी

घुँघरुओं की सदा रंग लाने को है
ढल चुकी शाम-ए-ग़म मुस्करा ले सनम
इक नई सुबह दुनिया में आने को है

झूमते आ रहे हैं ज़माने नए
हसरतें गा रही हैं तराने नए
झूमते आ रहे हैं ज़माने नए
हसरतें गा रही हैं तराने नए
आज दिल की तमन्ना निकल जाएगी
गीत होगा यही लय बदल जाएगी
लय बदल जाएगी

इक नया राग क़िस्मत सुनाने को है
प्यार सजने लगा साज बजने लगा
ज़िन्दगी दिल के तारों पे गाने को है
ढल चुकी शाम-ए-ग़म मुस्करा ले सनम

Trivia about the song Dhal Chuki Sham-E-Gham by Mohammed Rafi

Who composed the song “Dhal Chuki Sham-E-Gham” by Mohammed Rafi?
The song “Dhal Chuki Sham-E-Gham” by Mohammed Rafi was composed by Naushad, Shakeel Badayuni.

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