Dil Hai Humara Phool Se Nazuk

Faruk Kaiser, G S Kohli

दिल है हमारा फूल से नाज़ुक
बाज़ू है फौलाद
तुफानो में पलने वाले
रहते है आज़ाद
दिल है हमारा फूल से नाज़ुक

हो हो आहा आहा हे हे हे

दिल है हमारा फूल से नाज़ुक

अपने इरादे पर्वत हें
और दिल है दरिया जैसा

अपने इरादे पर्वत हें
और दिल है दरिया जैसा

आगे बढ़ते रहना साथी
पीछे हटना कैसा

पीछे हटना कैसा

ओ पीछे हटना कैसा
सामने खुद आएगी मंज़िल
तुफानो के बाद
तुफानो में पलने वाले
रहते है आज़ाद
दिल है हमारा फूल से नाज़ुक

हो हो आहा आहा हे हे हे

ओ दिल है हमारा फूल से नाज़ुक

बड़े हुए है हम तूफ़ानी
इन लहरो से खेल के

ओ इन लहरो से खेल के
ओ बेड़ पार लगा देंगे हम
लाख थपेड़े झेल के

बेड़ पार लगा देंगे हम
लाख थपेड़े झेल के

ओ लाख थपेड़े झेल के
जीते जी न होने देंगे
ये दुनिया बर्बाद
तुफानो में पलने वाले
रहते है आज़ाद
दिल है हमारा फूल से नाज़ुक

हो हो आहा आहा हे हे हे

Trivia about the song Dil Hai Humara Phool Se Nazuk by Mohammed Rafi

Who composed the song “Dil Hai Humara Phool Se Nazuk” by Mohammed Rafi?
The song “Dil Hai Humara Phool Se Nazuk” by Mohammed Rafi was composed by Faruk Kaiser, G S Kohli.

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