Garaz Ho To Nakhre Dikhati Hai Biwi

Sahir Ludhianvi

गाराज़ हो तो नखरे दिखती है बीवी
गाराज़ हो तो नखरे दिखती है बीवी
अरे गाराज़ हो तो नखरे दिखती है बीवी
नही तो कहा मूह लगती है बीवी
नही तो कहा मूह लगती है बीवी
नही तो कहा मूह लगती है बीवी
गाराज़ हो तो नखरे दिखती है बीवी

कही मुख चुराए तो कुच्छ बात समझो
मोहब्बत जताए तो कुच्छ बात समझो
बिना बात सूरमा लगती नही ये
कभी मूह पे पाउडर जमती नही ये
ये जब भी तकल्लूफ पे त्ययार होगी
कोई ना कोई चीज़ दरकार होगी
कोई ना कोई चीज़ दरकार होगी
कहा वरना जुल्फे बनती है बीवी
गाराज़ हो तो नखरे दिखती है बीवी
नही तो कहा मूह लगती है बीवी
गाराज़ हो तो नखरे दिखती है बीवी

हाए पदोषण की सदी पे दिल आ गया हो
या सोने का लॉकेट कोई भा गया हो
सिनिमा या थिएटर मे जाने की धुन हो
के भीयया को दूल्हा बनाने की धुन हो
किसी ब्याह सदी की दावत मिली हो
गाराज़ कोई महँगी ज़रूरत पड़ी है
गाराज़ कोई महँगी ज़रूरत पड़ी है
तभी इतने करतब दिखती है बीवी
गाराज़ हो तो नखरे दिखती है बीवी
नही तो कहा मूह लगती है बीवी
गाराज़ हो तो नखरे दिखती है बीवी

अचानक बरसता है जब प्यार इसका
कपाट मे होता है हर वॉर इसका
मोहब्बत के दॉखे मे हरगिज़ ना आना
बड़ा मगर ? है ये जमाना
नही चाहते हो जो नुकसान सहना
तो सुनलो मेरी जान ये जानी का कहना
तो सुनलो मेरी जान ये जानी का कहना
के हस हस के कैची चलती है बीवी
गाराज़ हो तो नखरे दिखती है बीवी
नही तो कहा मूह लगती है बीवी
गाराज़ हो तो नखरे दिखती है बीवी

Trivia about the song Garaz Ho To Nakhre Dikhati Hai Biwi by Mohammed Rafi

Who composed the song “Garaz Ho To Nakhre Dikhati Hai Biwi” by Mohammed Rafi?
The song “Garaz Ho To Nakhre Dikhati Hai Biwi” by Mohammed Rafi was composed by Sahir Ludhianvi.

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