Gareeb Janke Hamko

Jan Nishar Akhtar, O P Nayyar

गरीब जान के
गरीब जान के हम को न तुम मिटा देना
तुम्हीं ने दर्द दिया
तुम्हीं ने दर्द दिया है तुम्ही दवा देना
गरीब जान के

लगी है चोट कलेजे पे उम्र भर के लिए
लगी है चोट कलेजे पे उम्र भर के लिए
तड़प रहे हैं मोहब्बत में इक नज़र के लिए
नज़र मिलाके
नज़र मिलाके मोहब्बत से मुस्कुरा देना
तुम्हीं ने दर्द दिया है तुम्ही दवा देना
गरीब जान के

जहां में और हमारा कहाँ ठिकाना है
जहां में और हमारा कहाँ ठिकाना है
तुम्हारे दर से कहाँ उठके हमको जाना है
जो हो सके तो
जो हो सके तो मुकद्दर मेरा जगा देना
तुम्हीं ने दर्द दिया है तुम्ही दवा देना
गरीब जान के

मिला क़रार न दिल को किसी बहाने से
तुम्हारी आस लगाए हैं इक ज़माने से
कभी तो अपनी
कभी तो अपनी मोहब्बत का आसरा देना
तुम्हीं ने दर्द दिया है तुम्ही दवा देना
गरीब जान के

नज़र तुम्हारी मेरे दिल की बात कहती है
तुम्हारी याद तो दिन रात साथ रहती है
तुम्हारी याद को
तुम्हारी याद को मुश्क़िल है अब भुला देना
तुम्हीं ने दर्द दिया है तुम्ही दवा देना
तुम्हीं ने दर्द दिया

मिलेगा क्या जो ये दुनिया हमें सताएगी
मिलेगा क्या जो ये दुनिया हमें सताएगी
तुम्हारे बिन तो हमें मौत भी न आएगी
किसी के प्यार को
किसी के प्यार को आसान नहीं मिटा देना
तुम्हीं ने दर्द दिया है तुम्ही दवा देना
गरीब जान के

Trivia about the song Gareeb Janke Hamko by Mohammed Rafi

Who composed the song “Gareeb Janke Hamko” by Mohammed Rafi?
The song “Gareeb Janke Hamko” by Mohammed Rafi was composed by Jan Nishar Akhtar, O P Nayyar.

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