Gopichand Raja Nahane Ko Baitha

Manohar Lal Khanna

गोपीचंद राजा नहाने को बैठा
गोपीचंद राजा नहाने को बैठा
गोपीचंद राजा नहाने को बैठा
गोपीचंद राजा नहाने को बैठा
सब सखिया मिल गाओ
सब सखिया मिल गाओ
गंगा जमुना गोदावरी से
गंगा जमुना गोदावरी से
शीतल जल भर लाओ लाओ री
सब सखिया मिल गाओ
गोपीचंद राजा नहाने को बैठा

ओ धरती के निर्मल झिरणो
ओ धरती के निर्मल झिरणो
झूम झूम लहराव
ओ झूम झूम लहराव
सुरे चंदर की उज्ज्वल किर्णो
मंगल डीप जलाओ जलाओ री
सब सखिया मिल गाओ
गोपीचंद राजा नहाने को बैठा

गोपीचंद राजा नहाने को बैठा
गोपीचंद राजा नहाने को बैठा
एक बूँद पानी टपका
यह पानी कहा से आओ जी
पानी था या अंगारा
जिसे कोमल बदन जलाओ जी
गोपी ने मा को देखा
जिसे नैनन नीर बहायो जी
लो मा के मुख चंदर पर
एक चिंता का बदल च्चायो जी
चकित भाए सब दासी दासिया
कुछ ना साँझ में आयो जी
गोपीचंदा व्याकुल होके
मा की और सुध तायो जी
मा की और सुध तायो जी

Trivia about the song Gopichand Raja Nahane Ko Baitha by Mohammed Rafi

Who composed the song “Gopichand Raja Nahane Ko Baitha” by Mohammed Rafi?
The song “Gopichand Raja Nahane Ko Baitha” by Mohammed Rafi was composed by Manohar Lal Khanna.

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