Gussa Fazul Hai Hamen Kabool Hai

Anand Bakshi

गुस्सा फ़िजूल है हमे क़ुबूल है रख डालो चाहें जो नाम
अरे अपनी चाह का मेरी निगाह का लो मेंम साहब सलाम
लो मेंम साहब सलाम सलाम मेंम साहब सलाम
ओ चेले हो कहाँ कहों कोई दास्ताँ कहों
कुछ तों मेरी जां कहों ऐसा भी क्या

चेले हो कहाँ कहों कोई दासता कहों
कुछ तों मेरी जां कहों ऐसा भी क्या
यो ड़ लेइ यू ड़ लेइ ड़ लेइ लेइ लेइ

हाज़िर है car जी पैदल सवार ही क्या शहर तक जाओगे
अरे अक्ल से काम लो ज़रा आराम लो
नाजुक हो थक जाओगे नाज़ूक हो थक जाओगे
हे तुम हमे नादान कहीं चाहें बेईमान कहों
कुछ तों मेरी जा कहों ऐसा भी क्या

देखो तो घूम के चलो ना झूम के दामन बचाते हुए
अरे सोचो तो जी ज़रा कहेंगे क्या भला
लोग आते जाते हुए लोग आते जाते हुए
हो तुम हमे नादा कहो चाहें बेईमान कहों
कुछ तों मेरी जाँ कहों ऐसा भी क्या

हो चले हो कहाँ कहों कोई दास्ताँ कहों
कुछ तों मेरी जाँ कहों ऐसा भी क्या
यू ड़ लेइ यू ड़ लेइ ड़ लेइ लेइ लेइ

Trivia about the song Gussa Fazul Hai Hamen Kabool Hai by Mohammed Rafi

Who composed the song “Gussa Fazul Hai Hamen Kabool Hai” by Mohammed Rafi?
The song “Gussa Fazul Hai Hamen Kabool Hai” by Mohammed Rafi was composed by Anand Bakshi.

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