Hai Dhanya Suhagan Woh

Gopal Singh Nepali

धन्य हो धन्य हो धन्य हो

है धन्य सुहागन वो जिसने
भारत को तुलसी दास दिया
मेहंदी महावर रच कर भी
मेहंदी महावर रच कर भी
मेहंदी माहवार रच कर भी
सुख सपनो से सन्यास लिया
है धन्य सुहागन वो जिसने
भारत को तुलसी दास दिया

तुमने भी कंगन पहने थे
तुमने भी बजाई थी पायल
तुमने भी किया था नैनो से
कुछ दिन तो साँवरिया को घायल
मिलने आये तुमसे प्रीतम
तो भेज राम के पास दिया
है धन्य सुहागन वो जिसने
भारत को तुलसी दास दिया

सच मानो तुलसी न होते
तो हिंदी कही पड़ी होती
उसके माथे पर रामायण की
बिंदी नहीं जड़ी होती
बिसो बसंत देकर जिसने
बदले में बस चोमास लिया
है धन्य सुहागन वो जिसने
भारत को तुलसी दास दिया

जाओ कवी जब तक राम अमर
दुनिया में तेरा नाम अमर
दुनिया पुजेगी रघुवर को
गूंजेगा तेरा स्वर घर घर
जीवन तो दिया हरि को
हमको हरि लीला का इतिहास दिया
है धन्य सुहागन वो जिसने
भारत को तुलसी दास दिया

Trivia about the song Hai Dhanya Suhagan Woh by Mohammed Rafi

Who composed the song “Hai Dhanya Suhagan Woh” by Mohammed Rafi?
The song “Hai Dhanya Suhagan Woh” by Mohammed Rafi was composed by Gopal Singh Nepali.

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