Haseeno Ki Ankhon Ka

CHITRAGUPTA, RAJINDER KRISHAN

हसीनो की आँखों का तारा रहूँगा
कवारा रहा हु कवारा रहूँगा
हसीनो की आँखों का तारा रहूँगा
कवारा रहा हु कवारा रहूँगा
हसीनो की आँखों का तारा रहूँगा

न आटा पिसाना न चुला जलाना
नित नै थाली में नया नया खाना
न आटा पिसाना न चुला जलाना
नित नै थाली में नया नया खाना
कई होटलों का गुजारा रहूँगा
हसीनो की आँखों का तारा रहूँगा
कवारा रहा हु कवारा रहूँगा
हसीनो की आँखों का तारा रहूँगा

London में सोउ तो praise में जागू
मर्ज़ी से उठु तो मर्ज़ी से भागु
London में सोउ तो praise में जागू
मर्ज़ी से उठु तो मर्ज़ी से भागु
किसी एक जगह न दोबारा रहूँगा
हसीनो की आँखों का तारा रहूँगा
कवारा रहा हु कवारा रहूँगा
हसीनो की आँखों का तारा रहूँगा

गुजरू जिधर से देखे कवारिया
रह जाये हाथो को मलति बेचारिया वाह
गुजरू जिधर से देखे कवारिया
रह जाये हाथो को मलति बेचारिया
फसा तो किसी का न प्यारा रहूँगा
हसीनो की आँखों का तारा रहूँगा
कवारा रहा हु कवारा रहूँगा
हसीनो की आँखों का तारा रहूँगा

Trivia about the song Haseeno Ki Ankhon Ka by Mohammed Rafi

Who composed the song “Haseeno Ki Ankhon Ka” by Mohammed Rafi?
The song “Haseeno Ki Ankhon Ka” by Mohammed Rafi was composed by CHITRAGUPTA, RAJINDER KRISHAN.

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