Hum Hi Jane Ek Tore Manwa Ki Pir

Naqsh Lyallpuri

हम ही जाने एक
तोरे मनवा की पीर
हम ही जाने एक
तोरे मनवा की पीर
जगत में प्यार लुटाई के
हम जैसों को अपनई के
हा जगत में प्यार लुटाई के
के हम जैसों को अपनई के
बन जई हो तुम भी
अमीरों के अमीर हाँ
हम ही जाने एक
तोरे मनवा की पीर
हम ही जाने एक
तोरे मनवा की पीर

आ हो रे हो आ हो रे

इतना पैसा क्या करियो रे जोड़ जोड़ के हा हा
इतना पैसा क्या करियो रे जोड़ जोड़ के
कल डाकू ले जईयें ताला तोड़ तोड़ के
माया लोभ के चक्कर छोड़ो हो

माया लोभ के चक्कर छोड़ो
दुखियातं से नाता जोड़ो

हो पोंछों गरीबों की अंखियों से नीर हाय

हम ही जाने एक
तोरे मनवा की पीर

हम ही जाने एक
तोरे मनवा की पीर

आ हो रे हो आ हो रे

हमरी आशा पूरी
कर दो धूम धाम से
हो हमरी आशा पूरी
कर दो धूम धाम से
मन अपना अटका लो
साईं राम नाम से
ये प्यार का सौदा करियो हो ओ
ये प्यार का सौदा करियो
हमरे मन की झोली भरियों
हो हाथों में हमरे हैं धन की लकीर हाय

हम ही जाने एक
तोरे मनवा की पीर
हम ही जाने एक
तोरे मनवा की पीर

हम ही जाने एक
तोरे मनवा की पीर

Trivia about the song Hum Hi Jane Ek Tore Manwa Ki Pir by Mohammed Rafi

Who composed the song “Hum Hi Jane Ek Tore Manwa Ki Pir” by Mohammed Rafi?
The song “Hum Hi Jane Ek Tore Manwa Ki Pir” by Mohammed Rafi was composed by Naqsh Lyallpuri.

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