Jaag Dil-E-Diwana

Chitragupta, Majrooh Sultanpuri

ओ आ आ
जाग दिल दीवाना रुत जागी
वस्ले यार की
जाग दिल दीवाना रुत जागी
वस्ले यार की
बसी हुई जुल्फ में
आयी है सबह प्यार की
जाग दिल दीवाना

दो दिल के कुछ लेके
पयाम आयी है
चाहत के कुछ लेके
सलाम आयी है
दो दिल के कुछ लेके
पयाम आयी है
चाहत के कुछ लेके
सलाम आयी है
दर पे तेरे सुभो खड़ी
खोयी है दीदार की
जाग दिल दीवाना रुत जागी
वस्ले यार की
जाग दिल दीवाना

एक परी कुछ शाद सी
न शाद सी
बैठी हुयी शबनम में
तेरी याद की
एक परी कुछ शाद सी
न शाद सी
बैठी हुयी शबनम में
तेरी याद की
भीग रही होगी कहीं
कली सी गुलजार की
जाग दिल दीवाना रुत जागी
वस्ले यार की
बसी हुई जुल्फ में
आई है सबा प्यार की
जाग दिल दीवाना

Trivia about the song Jaag Dil-E-Diwana by Mohammed Rafi

Who composed the song “Jaag Dil-E-Diwana” by Mohammed Rafi?
The song “Jaag Dil-E-Diwana” by Mohammed Rafi was composed by Chitragupta, Majrooh Sultanpuri.

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