Jalte Deep Bujh Gaye

M. A. Taj

जलते दीप बुझ गये
जलते दीप बुझ गये
छा गया अंधेरा
छा गया अंधेरा
हसी खुशी इस रात को
हसी खुशी इस रात को
रंगो रंग ने घेरा
च्छा गया अंधेरा
जलते दीप बुझ गये
छा गया अंधेरा
छा गया अंधेरा

जीन महलो में खेलती थी
गोपिया जवानिया
अब वो नैन कह रहे है
दुख भरी कहानिया
अब वो नैन कह रहे है
दुख भरी कहानिया
कर रही है हर तरफ
कर रही है हर तरफ
उदासिया बसेरा
छा गया अंधेरा
जलते दीप बुझ गये
छा गया अंधेरा
छा गया अंधेरा

मिटा मिटा सा है सिंदूर
चूड़िया है चूर चूर
मिटा मिटा सा है सिंदूर
चूड़िया है चूर चूर
बिखर गयी है माँग क्यू
लूट गया सुहाग क्यू
इसका नाम ले कोई
इसका नाम ले कोई
कौन है लुटेरा
छा गया अंधेरा
जलते डीप बुझ गये
छा गया अंधेरा
छा गया अंधेरा
सिसकियो में आज कल
किसने छेड़ गम का राग
दिल पकड़ते रह गये
जल उठी चीता की आग
जल उठी चीता की आग
जल उठी चीता की आग

Trivia about the song Jalte Deep Bujh Gaye by Mohammed Rafi

Who composed the song “Jalte Deep Bujh Gaye” by Mohammed Rafi?
The song “Jalte Deep Bujh Gaye” by Mohammed Rafi was composed by M. A. Taj.

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