Jawan Ho Ya Budhiya Ya Nanhi Si Gudiya

Rajendra Krishan

इधर तोह हाथ ल प्यारे
दिखाऊ दिन को भी तारे
लिखा है क्या लकीरो में
फकीरो से सुण जा रे
इधर तोह हाथ ल प्यारे
दिखाऊ दिन को भी तारे
लिखा है क्या लकीरो में
फकीरो से सुण जा रे
इधर तोह हाथ ल प्यारे

लिखा है तुझको तोह
किसी से उल्फ़त है
मगर उस जालिम को
तुझीसे नफ़रत है
वह चाहे औरो को
यह तेरी किस्मत है
यह जालिम प्यार दिखलाता
है क्या क्या नज़ारे
इधर तोह हाथ ल प्यारे
दिखाऊ दिन को भी तारे
लिखा है क्या लकीरो में
फकीरो से सुण जा रे
इधर तोह हाथ ल प्यारे

लकीरे कहती हैं यह
तेरे हाथों में
की तेरा मैं उलझा
है ऐसी बातों में
की सोना मुश्किल है
तुझे अब्ब रातों में
यह तेरे भेद खोले
हैं लकीरो ने सारे
इधर तोह हाथ ल प्यारे
दिखाऊ दिन को भी तारे
लिखा है क्या लकीरो में
फकीरो से सुण जा रे
इधर तोह हाथ ल प्यारे

किया है जो तूने वही पायेगा तू
बुरी होगी बेटा जो छिपायेगा तू
फकीरों से बच के कहाँ जाएगा तू
तेरी किस्मत की चाबी
है मेरे हाथो प्यारे
इधर तोह हाथ ल प्यारे
दिखाऊ दिन को भी तारे
लिखा है क्या लकीरो में
फकीरो से सुण जा रे
इधर तोह हाथ ल प्यारे
दिखाऊ दिन को भी तारे
लिखा है क्या लकीरो में
फकीरो से सुण जा रे

Trivia about the song Jawan Ho Ya Budhiya Ya Nanhi Si Gudiya by Mohammed Rafi

Who composed the song “Jawan Ho Ya Budhiya Ya Nanhi Si Gudiya” by Mohammed Rafi?
The song “Jawan Ho Ya Budhiya Ya Nanhi Si Gudiya” by Mohammed Rafi was composed by Rajendra Krishan.

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